पुलिस कमिश्नर श्री जे. रवींद्र गौड के निर्देशानुसार इंदिरापुरम में एक महत्वपूर्ण Cyber Security Awareness Workshop का आयोजन किया गया। सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम श्री अभिषेक श्रीवास्तव, साइबर थाना प्रभारी श्री संतोष तिवारी और थाना इंदिरापुरम पुलिस द्वारा ऑलिव काउंटी सोसाइटी वसुंधरा में यह संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस Cyber Security Awareness Workshop का उद्देश्य जनता को साइबर अपराधों की घटनाओं से सतर्क करना और आम जनमानस में विशेष जागरूकता निर्माण करना था। आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध एक गंभीर समस्या बनते जा रहे हैं, जिससे निपटने के लिए जन-जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।
साइबर क्राइम की बढ़ती चुनौतियां:
संगोष्ठी में सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम श्री अभिषेक श्रीवास्तव ने लोगों को साइबर क्राइम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जागरूकता से साइबर अपराधों पर लगाम लगाई जा सकती है। इस दौरान लोगों के लिए कुछ आवश्यक गाइडलाइन्स भी जारी की गईं।
आज के समय में साइबर अपराधी नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करके लोगों को धोखा देते हैं। डिजिटल पेमेंट्स और ऑनलाइन सेवाओं की बढ़ती उपयोगिता के कारण साइबर अपराध के मामले भी बढ़े हैं।
Cyber Security Awareness Workshop की व्यापक रणनीति:
Cyber Security Awareness Workshop में यह बताया गया कि पुलिस कमिश्नर के निर्देशन में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं उनसे बचाव के लिए आम नागरिक, सीनियर सिटीजन, RWA और व्यापारी को जागरूक करने के उद्देश्य से पुलिस टीम के साथ विशेष साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
यह अभियान सतत रूप से संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में सर्किल इंदिरापुरम क्षेत्र में लोगों के साथ विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन समय-समय पर किया जाएगा।
वर्तमान साइबर अपराध के प्रकार:
संगोष्ठी में वर्तमान समय में हो रहे नए-नए साइबर अपराधों से लोगों को अवगत कराया गया। साइबर अपराधियों की कार्यप्रणाली और उनसे बचने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया। यह भी समझाया गया कि साइबर ठगी होने पर क्या कार्यवाही की जानी चाहिए और इससे बचाव हेतु क्या सावधानी रखनी चाहिए।
फर्जी ई-चालान स्कैम: साइबर अपराधी फर्जी ट्रैफिक चालान भेजकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं। ये चालान इतने वास्तविक लगते हैं कि लोग धोखे में आ जाते हैं।
नकली जॉब ऑफर्स: नौकरी के झांसे में फंसाकर पहले रजिस्ट्रेशन फीस मांगी जाती है फिर कोई नौकरी नहीं मिलती।
बैंक वेरिफिकेशन फ्रॉड: बैंक के नाम से फोन करके लोगों की व्यक्तिगत जानकारी ली जाती है।
धोखाधड़ी के नए तरीके:
नागरिकों को बताया गया कि साइबर अपराधी फर्जी ई-चालान, नौकरी के झांसे, बैंक वेरिफिकेशन और लालच भरी योजनाएं जैसी भ्रामक सूचनाओं के माध्यम से लोगों की बैंक डिटेल और व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर ठगी करते हैं।
केवाईसी अपडेट स्कैम: बैंक या वॉलेट कंपनियों के नाम से KYC अपडेट करने के लिए लिंक भेजे जाते हैं। इन लिंक्स पर क्लिक करने से पर्सनल डेटा चोरी हो जाता है।
लोटरी और इनाम स्कैम: अचानक लॉटरी जीतने की खबर देकर टैक्स या प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं।
सुरक्षा के महत्वपूर्ण उपाय:
संगोष्ठी में नागरिकों को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए:
व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा: अपनी व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति से साझा न करें। OTP, PIN, और पासवर्ड केवल आपकी जानकारी है।
लिंक्स पर सावधानी: संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक न करें। हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या ऐप का उपयोग करें।
वेरिफिकेशन की आदत: कोई भी फोन या मैसेज आने पर पहले उसकी प्रामाणिकता जांच लें। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें।
हेल्पलाइन नंबर और सहायता:
पुलिस टीम द्वारा नागरिकों को साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर की भी जानकारी दी गई। संदिग्ध साइबर गतिविधि या ऑनलाइन ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 पर कॉल करने या www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया।
तत्काल सहायता मिलने से साइबर क्राइम के मामले को सुलझाने में आसानी होती है। देरी करने से नुकसान की भरपाई मुश्किल हो जाती है।
निरंतर जागरूकता अभियान:
जागरूकता अभियान भविष्य में निरंतर जारी रहेगा ताकि साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके और एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण सृजित किया जा सके। यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है।
विभिन्न आयु समूहों के लिए अलग-अलग प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने की योजना है। सीनियर सिटीजन, युवा और महिलाओं के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।
समुदायिक भागीदारी का महत्व:
इस संगोष्ठी में सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम श्री अभिषेक श्रीवास्तव, साइबर थाना प्रभारी श्री संतोष तिवारी, थाना प्रभारी इंदिरापुरम रवेंद्र गौतम व साइबर सेल थाना इंदिरापुरम के पुलिस कर्मी उपस्थित रहे।
समुदायिक स्तर पर आयोजित होने वाले ऐसे कार्यक्रम अधिक प्रभावी होते हैं क्योंकि लोग अपने सवाल पूछ सकते हैं और व्यक्तिगत अनुभव साझा कर सकते हैं। RWA और सोसाइटी स्तर पर ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करने की योजना है।
स्रोत: गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट प्रेस नोट, 6 अगस्त 2025 साइबर क्राइम पोर्टल