गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र में 6 अगस्त को एक महत्वपूर्ण Road Safety Campaign का आयोजन किया गया। पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट गाजियाबाद के निर्देशों के क्रम में ONGC संस्था के सहयोग से यह विशेष हेलमेट वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अभियान के तहत बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों के विरुद्ध जागरूकता फैलाई गई और सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु को कम करने के उद्देश्य से कार्य किया गया।
इस Road Safety Campaign के दौरान दो-पहिया वाहन चालकों और पीछे बैठने वाली सवारी के द्वारा हेलमेट का उपयोग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से व्यापक जन-जागरूकता का कार्यक्रम चलाया गया। इस पहल से सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।
पुलिस और ONGC का संयुक्त प्रयास:
पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन जोन एवं सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम के नेतृत्व में ONGC संस्था के सहयोग से यह विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस साझेदारी ने दिखाया कि सरकारी संस्थाओं और निजी कंपनियों के बीच सहयोग से जनहित के कार्य कितने प्रभावी तरीके से किए जा सकते हैं।
ONGC जैसी प्रतिष्ठित कंपनी का इस सामाजिक कार्य में भागीदारी लेना सराहनीय है। यह दर्शाता है कि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत निजी क्षेत्र भी समाज की सुरक्षा में अपना योगदान दे सकता है।
Road Safety Campaign का व्यापक प्रभाव:
इस Road Safety Campaign के अंतर्गत यातायात नियमों का पालन न करने वाले दो-पहिया वाहन चालकों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें निःशुल्क ISI मार्का के कुल 200 हेलमेट वितरित किए गए। इनमें से 100 महिला हेलमेट और 100 पुरुष हेलमेट शामिल थे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि लोग अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और बिना हेलमेट के दो-पहिया वाहन न चलाएं। यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया गया कि हेलमेट केवल चालान से बचने के लिए नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा के लिए पहनना जरूरी है।
ISI मानक और गुणवत्ता आश्वासन:
वितरित किए गए सभी हेलमेट ISI मार्का के थे, जो इनकी गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करता है। ISI सर्टिफिकेशन का मतलब है कि ये हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित सभी सुरक्षा परीक्षणों को पास कर चुके हैं।
गुणवत्तापूर्ण हेलमेट का उपयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुर्घटना के समय यही जीवन और मृत्यु के बीच अंतर कर सकता है। सब-स्टैंडर्ड हेलमेट का उपयोग करना कई बार खतरनाक साबित हो सकता है।
जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया:
मौके पर उपस्थित आम जनों द्वारा कौशांबी पुलिस की इस पहल की काफी सराहना की गई। लोगों ने इस बात की खुशी जताई कि पुलिस केवल चालान काटने पर ध्यान नहीं दे रही बल्कि लोगों की सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
हेलमेट वितरण के साथ-साथ उपस्थित लोगों को यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा संबंधी जानकारी भी दी गई। इससे लोगों में यातायात नियमों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ी।
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े और चिंताएं:
भारत में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े चिंताजनक हैं। प्रतिवर्ष लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल होते हैं और हजारों की मृत्यु हो जाती है। इनमें से अधिकांश मामले दो-पहिया वाहन चालकों से संबंधित होते हैं।
हेलमेट न पहनने से सिर की चोटों के कारण होने वाली मौतों को काफी हद तक रोका जा सकता है। अध्ययन बताते हैं कि हेलमेट पहनने से सिर की गंभीर चोटों का खतरा 70% तक कम हो जाता है।
शिक्षा और जागरूकता का महत्व:
केवल हेलमेट वितरण ही पर्याप्त नहीं है। इसके साथ-साथ लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में निरंतर शिक्षित करना भी आवश्यक है। यातायात नियमों की जानकारी देना और उनके पालन के महत्व को समझाना एक सतत प्रक्रिया है।
स्कूलों, कॉलेजों और कार्यक्षेत्रों में नियमित रूप से सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है। युवाओं में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
भविष्य की योजनाएं:
कौशांबी पुलिस ने अपील की है कि सभी दो-पहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाली सवारी प्रत्येक बार में हेलमेट का प्रयोग अवश्य करें। पुलिस का लक्ष्य है कि 100% हेलमेट अनुपालन हासिल किया जाए।
आने वाले समय में इस प्रकार के और भी कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। विभिन्न थानों में इसी प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जा सके।
सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा का संदेश:
“सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा” का नारा केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि यह एक जीवन दर्शन है। हर व्यक्ति को यह समझना होगा कि यातायात नियमों का पालन करना न केवल कानूनी दायित्व है बल्कि अपने और दूसरों के जीवन की रक्षा करना भी है।
इस सफल अभियान से यह संदेश मिलता है कि सामूहिक प्रयासों से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। पुलिस, निजी कंपनियों और नागरिकों के सहयोग से सड़क सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार लाया जा सकता है।
स्रोत: गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट प्रेस नोट, 6 अगस्त 2025 सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय