गाजियाबाद की इंदिरापुरम पुलिस ने Fake Currency Racket Bust करते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। 6 अगस्त को पुलिस ने उज्ज्वल झा (26 वर्ष) को 2 लाख 83 हजार रुपए के जाली भारतीय करेंसी नोट के साथ गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी राजस्व हानि और आम जनता के साथ धोखाधड़ी के गंभीर मामले में हुई है।
आरोपी उज्ज्वल झा दिल्ली के मंगोली हर्ष विहार थाना क्षेत्र का निवासी है। उसके कब्जे से 500-500 रुपए के कुल 566 जाली नोट बरामद किए गए हैं। गिरफ्तारी साहिबाबाद रेलवे अंडर पास सेक्टर-1 वसुंधरा के पास से हुई है।
गश्त के दौरान हुई गिरफ्तारी:
इंदिरापुरम पुलिस टीम नियमित गश्त और चेकिंग के दौरान संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रही थी। आरोपी के व्यवहार से पुलिस को शक हुआ और तलाशी लेने पर बड़ी मात्रा में जाली नोट मिले।
पुलिस के अनुसार, उज्ज्वल झा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में व्यवस्थित रूप से नकली नोट चलाने का काम कर रहा था। 6 अगस्त को वह विशेष रूप से नकली नोटों को चलाने के लिए गाजियाबाद आया था, जहां सतर्क पुलिस की पकड़ में आ गया।
फेसबुक कनेक्शन का खुलासा :
गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में Fake Currency Racket Bust के पीछे की पूरी कहानी सामने आई है। उज्ज्वल झा ने बताया कि फेसबुक के माध्यम से उसका किसी अज्ञात व्यक्ति से संपर्क हुआ था।
दोनों ने आपस में मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान किया था। जब उज्ज्वल ने उस नंबर पर फोन किया, तो अज्ञात व्यक्ति ने उसे एक लाख असली रुपयों के बदले में तीन लाख जाली रुपये दे दिए थे।
यह जानकारी दिखाती है कि जाली करेंसी का यह नेटवर्क कितना व्यवस्थित और व्यापक है। सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके अपराधी नए लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।
Fake Currency Racket Bust से उजागर हुआ अंतर-राज्यीय नेटवर्क:
इस Fake Currency Racket Bust से पता चला है कि जाली नोट का कारोबार अंतर-राज्यीय स्तर पर फैला हुआ है। आरोपी दिल्ली से सामान लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में उसे चलाने का काम कर रहे थे।
पुलिस की जांच से यह भी स्पष्ट हुआ है कि यह एक बड़े गिरोह का हिस्सा हो सकता है। मुख्य सप्लायर की पहचान और गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।
आर्थिक सुरक्षा पर प्रभाव:
जाली करेंसी का प्रचलन देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। यह न केवल सरकारी राजस्व की हानि करता है बल्कि मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता का कारण भी बनता है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई नई सुरक्षा विशेषताओं के बावजूद अपराधी नकली नोट बनाने में सफल हो रहे हैं। यह स्थिति तकनीकी समाधान और कड़ी निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
सोशल मीडिया के दुरुपयोग की समस्या:
यह मामला सोशल मीडिया के दुरुपयोग की गंभीर समस्या को उजागर करता है। फेसबुक जैसे प्लेटफार्म पर अज्ञात व्यक्तियों से संपर्क करना और उनकी बातों में आना अत्यंत खतरनाक हो सकता है।
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों को सोशल मीडिया पर अज्ञात व्यक्तियों से आर्थिक लेन-देन करने से बचना चाहिए। ऐसे मामलों में न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि कानूनी समस्याओं में भी फंसना पड़ता है।
नागरिकों के लिए सुरक्षा सुझाव:
गाजियाबाद पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे नोटों की वास्तविकता की जांच करने की आदत डालें। विशेष रूप से 500 और 2000 रुपए के नोटों को लेकर अधिक सतर्कता बरतें।
यदि किसी को संदिग्ध नोट मिले या जाली नोट की जानकारी हो तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इंदिरापुरम पुलिस ने आश्वासन दिया है कि ऐसी सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
पुलिस अज्ञात मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और जल्द ही और भी गिरफ्तारियों की उम्मीद है।
स्रोत: गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट प्रेस नोट, 6 अगस्त 2025 साइबर क्राइम पोर्टल