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कौशांबी में Bank Loan Fraud Case: कूटरचित दस्तावेज से 1.50 करोड़ की धोखाधड़ी, 2 आरोपी गिरफ्तार

Bank Loan Fraud Case Kaushambi Ghaziabad

Bank Loan Fraud Case Kaushambi Ghaziabad

गाजियाबाद की कौशांबी पुलिस ने Bank Loan Fraud Case में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गौरव दुआ (41 वर्ष, फरीदाबाद निवासी) और देवेल बसौया (29 वर्ष, दिल्ली निवासी) को कूटरचित दस्तावेज बनाकर विभिन्न बैंकों से 1 करोड़ 50 लाख 11 हजार 306 रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

यह गिरफ्तारी 5 अगस्त को यदोला हॉस्पिटल के सामने सर्विस रोड से मुखबिर की सूचना पर चेकिंग के दौरान हुई। दोनों आरोपियों के कब्जे से व्यापक सबूत मिले हैं जो इस धोखाधड़ी की गंभीरता को दर्शाते हैं।

बजाज फाइनेंस के माध्यम से धोखाधड़ी:

मामले की शुरुआत 3 अगस्त को हुई थी जब बजाज फाइनेंस लिमिटेड के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता श्री रिंगकेश कुमार ने थाना कौशांबी पर लिखित तहरीर दी थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि विष्णु पांडेय सहित 11 आरोपियों ने बजाज फाइनेंस के माध्यम से विभिन्न बैंकों से धोखाधड़ी से भारी रकम का लोन कराया था।

प्रारंभ में धारा 406 IPC के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में जांच के दौरान धारा 467, 468, 471, 411, 120-B IPC की भी बढ़ोतरी की गई है।

आरोपियों के कब्जे से मिला भारी सबूत:

गिरफ्तार आरोपियों के पास से निम्नलिखित सामान बरामद किया गया है:

यह बरामदगी दिखाती है कि आरोपी व्यवस्थित तरीके से यह धोखाधड़ी कर रहे थे।

Bank Loan Fraud Case की कार्यप्रणाली का खुलासा:

इस Bank Loan Fraud Case में आरोपियों की कार्यप्रणाली अत्यंत चतुराईपूर्ण थी। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वे आपस में मिलकर सीधे-साधे और अनपढ़ लोगों को निशाना बनाते थे।

उनकी धोखाधड़ी की प्रक्रिया इस प्रकार थी:

  1. पहले पीड़ितों को लोन का झांसा देकर अलग-अलग कंपनियों में अच्छे पदों पर नियुक्ति का लालच देते थे
  2. उनका सिविल स्कोर बैंक में सुधारवाते थे
  3. उनके नाम पर अलग-अलग बैंकों से लोन करा लेते थे
  4. बैंक से मिले लोन के पैसों से पीड़ितों को अच्छी सैलरी देते थे
  5. बाकी पैसा खुद हड़प लेते थे

फर्जी दस्तावेजों का व्यापक जाल:

आरोपियों ने पीड़ितों पर संदेह न हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की थी। वे फर्जी आईकार्ड बना देते थे और अपने पास नकली मोहर रखते थे। कूटरचित दस्तावेज बनाकर बैंकों के साथ व्यवस्थित धोखाधड़ी करते थे।

इस तरीके से पीड़ितों को लगता था कि वे वास्तव में किसी प्रतिष्ठित कंपनी में काम कर रहे हैं और उन्हें वेतन मिल रहा है। जब तक सच्चाई का पता चलता, तब तक बैंक लोन की किश्तें बकाया हो जाती थीं।

आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग:

यह मामला दिखाता है कि अपराधी आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग करके कैसे परिष्कृत धोखाधड़ी कर रहे हैं। डिजिटल दस्तावेजों, ऑनलाइन लोन प्रक्रिया और तकनीकी साधनों का गलत इस्तेमाल करके वे बड़े पैमाने पर लोगों को ठग रहे थे।

लैपटॉप और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके वे प्रोफेशनल दिखने वाले दस्तावेज तैयार करते थे। इससे न केवल पीड़ित बल्कि बैंक के अधिकारी भी धोखे में आ जाते थे।

वित्तीय संस्थानों के लिए चेतावनी:

यह घटना सभी वित्तीय संस्थानों के लिए एक चेतावनी है। बैंकों और फाइनेंसियल कंपनियों को अपनी सत्यापन प्रक्रिया को और भी सख्त बनाना होगा। दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच के लिए बेहतर तकनीकी साधनों का इस्तेमाल करना आवश्यक है।

बजाज फाइनेंस जैसी बड़ी कंपनियों के साथ यह धोखाधड़ी दिखाती है कि अपराधी कितने संगठित हो गए हैं। उन्होंने पूरी योजना बनाकर इस काम को अंजाम दिया था।

नागरिकों के लिए सुरक्षा सुझाव:

कौशांबी पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोन या नौकरी के प्रस्ताव को लेकर सतर्क रहें। यदि कोई व्यक्ति बिना किसी योग्यता के अच्छी नौकरी या आसान लोन का लालच देता है तो तुरंत संदेह करें।

पुलिस सलाह देती है कि केवल प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थानों से ही लोन लें और सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें। यदि कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

स्रोत: गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट प्रेस नोट, 6 अगस्त 2025 गाजियाबाद अपराध समाचार

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