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AIIMS Gorakhpur दीक्षांत समारोह 2025: राष्ट्रपति ने डॉक्टरों को दी सेवा भावना और करुणा की सीख:-

गोरखपुर | 30 जून 2025:AIIMS गोरखपुर के पहले दीक्षांत समारोह का आयोजन सोमवार को किया गया, जिसमें देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने चिकित्सा सेवा को मानवता की सेवा करार देते हुए युवाओं को सहानुभूति और करुणा के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी।

चिकित्सा सेवा नहीं, यह मानवता की सेवा है:-

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि “एम्स का नाम सुनते ही मन में विश्वस्तरीय इलाज, समर्पित डॉक्टर और अत्याधुनिक तकनीक की छवि उभरती है।” उन्होंने कहा कि एम्स संस्थान केवल शारीरिक उपचार नहीं बल्कि एक आशा का केंद्र बन चुके हैं।

पूर्वी भारत के लिए चिकित्सा का केंद्र:-

AIIMS गोरखपुर न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि सीमावर्ती बिहार और नेपाल क्षेत्र के लिए भी स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमुख केंद्र बन चुका है। राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत कम समय में यह संस्थान शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा सेवा में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल कर चुका है।

डॉक्टरों को संवेदनशील बनने की सलाह:-

उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर का व्यवहार मरीज के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। सहानुभूति और करुणा केवल भावनाएं नहीं, बल्कि उपचार का अहम हिस्सा हैं। साथ ही डॉक्टर-रोगी संवाद और भरोसे के निर्माण पर भी विशेष बल दिया।

तकनीक और नवाचार की सराहना:-

AI, टेलीमेडिसिन, रोबोटिक सर्जरी जैसी तकनीकों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि AIIMS इन नवाचारों को अपनाकर भारत को वैश्विक चिकित्सा केंद्र बना सकता है।

ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की ओर ध्यान:-

उन्होंने युवा डॉक्टरों से अपील की कि वे अपने करियर को केवल निजी उन्नति तक सीमित न रखें, बल्कि उन क्षेत्रों तक जाएं जहां उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं नहीं पहुंच पाई हैं – विशेष रूप से आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में।

FAQs:-

Q1. AIIMS गोरखपुर का पहला दीक्षांत समारोह कब हुआ?

यह समारोह 30 जून 2025 को गोरखपुर में आयोजित हुआ।

Q2. राष्ट्रपति मुर्मू ने क्या संदेश दिया?

उन्होंने चिकित्सा को सेवा का माध्यम बताते हुए डॉक्टरों को करुणा, सहानुभूति और तकनीकी नवाचार के साथ कार्य करने का संदेश दिया।

Q3. क्या AIIMS गोरखपुर पूर्वी भारत के लिए फायदेमंद है?

हां, यह संस्थान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल से सटे क्षेत्रों के लिए चिकित्सा सेवा का मुख्य केंद्र बन चुका है।

Disclaimer:-

यह लेख PIB द्वारा 30 जून 2025 को जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित है। इसमें दी गई सभी सूचनाएं स्रोत आधारित हैं और संपादन केवल प्रस्तुति के उद्देश्य से किया गया है।

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